प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कहा कि उसने विभिन्न मामलों में फेमा के नियमों के ‘उल्लंघन’ के लिए पेटीएम की मूल कंपनी, उसके प्रबंध निदेशक और उससे जुड़ी इकाइयों को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पेटीएम की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, इसके चेयरमैन, प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। यह नोटिस न्यायिक कार्यवाही शुरू होने से पहले जांच एजेंसी के एक विशेष निदेशक ने जारी किया है। पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी कानून और नियामकीय प्रक्रियाओं के अनुसार मामले के समाधान के लिए काम कर रही है।
सिंगापुर में विदेशी निवेश किया
प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए पेटीएम की प्रमुख कंपनी वन97 कम्युनिकेशन लि. (ओसीएल), इसके प्रबंध निदेशक और लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लि. और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लि. जैसी पेटीएम की अन्य अनुषंगी कंपनियों को लगभग 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जांच में पाया गया कि वन 97 कम्युनिकेशन लि. ने सिंगापुर में विदेशी निवेश किया और अनुषंगी की वैश्विक अनुषंगी के गठन के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवश्यक सूचना नहीं दी।
आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया
इसमें आरोप लगाया गया कि वन97 कम्युनिकेशन ने आरबीआई के निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का ‘पालन किये बिना’ विदेशी निवेशकों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी प्राप्त किया था। ईडी ने कहा कि वन97 कम्युनिकेशन की भारत में अनुषंगी लिटिल इंडिया प्राइवेट लि.को विदेशों से एफडीआई मिला। लेकिन इसके लिए आरबीआई के कीमत निर्धारण दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। अन्य अनुषंगी कंपनी नियरबाय इंडिया प्राइवेट लि. ने आरबीआई की समयसीमा के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त एफडीआई के बारे में जानकारी नहीं दी। पेटीएम ने पिछले शनिवार (एक मार्च) को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि उसे कंपनी और उसकी दो अनुषंगी कंपनियों लिटिल इंटरनेट और नियरबाय के कुछ निवेश लेनदेन के संबंध में फेमा नियमों के कथित उल्लंघन के लिए ईडी से नोटिस मिला है।
पेटीएम ने दिया ये जवाब
बाद में, पेटीएम ने स्पष्ट किया कि कथित उल्लंघन उस अवधि से संबंधित है जब दोनों कंपनियां उसकी अनुषंगी कंपनियां नहीं थीं। इसने 2017 में दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था। कंपनी के अनुसार, कथित उल्लंघन में वन97 कम्युनिकेशन के 245 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन, लिटिल इंटरनेट (एलआईपीएल) के लगभग 345 करोड़ रुपये और नियरबाय इंडिया (एनआईपीएल) के लगभग 21 करोड़ रुपये के लेनदेन को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें कहा गया, ‘‘कथित उल्लंघन वन97 कम्युनिकेशन , एलआईपीएल और एनआईपीएल से संबंधित कुछ निवेश लेनदेन से जुड़े हैं।’’ पेटीएम के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘हम लागू कानूनों और नियामकीय प्रक्रियाओं के अनुसार मामले को हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम अनुपालन और संचालन के उच्चतम मानकों के अनुपालन में प्रक्रियाओं को मजबूत करने और बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’