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    सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी अगले सप्ताह नेपाल का दौरा करेंगे

    भारत के थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी अगले सप्ताह नेपाल का आधिकारिक दौरा करेंगे. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और नेपाल के सैन्य संबंधों को और मजबूत करना और रक्षा सहयोग में नए आयाम जोड़ना है. यह दौरा दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी के विस्तार और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

    भारत और नेपाल के बीच एक विशेष सैन्य संबंध है जो न केवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बल्कि रक्षा सहयोग के संदर्भ में भी बहुत गहरा है. ये संबंध वर्षों से सैन्य प्रशिक्षण, रणनीतिक चर्चाओं और एक दूसरे की रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए साझा प्रयासों के माध्यम से विकसित हुआ है. जनरल द्विवेदी का ये दौरा इन संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर प्रदान करेगा जिससे दोनों देशों के सैन्य और रणनीतिक सहयोग में नयापन आएगा.

    सैन्य आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण पर जोर

    जनरल द्विवेदी के दौरे का एक महत्वपूर्ण पहलू रक्षा आधुनिकीकरण और सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रगति को बढ़ावा देना होगा. नेपाल और भारत के बीच सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में निरंतर विशेषज्ञता का आदान-प्रदान होता रहा है. इस साल 300 से ज्यादा नेपाली सैनिकों को काउंटर इंसरजेंसी, शांति अभियानों, और नेतृत्व विकास जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग दिया गया है. इसके साथ ही भारतीय सैनिक भी नेपाल में विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग लेते हैं जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और पारस्परिक विश्वास में बढ़ोतरी होती है.

    ‘सूर्य किरण’ अभ्यास में विस्तार

    भारत-नेपाल सैन्य सहयोग की एक महत्वपूर्ण धारा है ‘सूर्य किरण’ नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास. ये अभ्यास जो काउंटर टेररिज्म, आपदा राहत और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाओं की क्षमता को बढ़ाता है. अब अपनी 18वीं बैठक के लिए नेपाल में आयोजित होगा. जनरल द्विवेदी का ये दौरा इस अभ्यास के दायरे और जटिलताओं को और बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा. जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच इंटर ऑपरेबिलिटी और परिचालन की गुणवत्ता में सुधार होगा. इस अभ्यास को और मजबूत बनाने के लिए कई पहल की जाएंगी जो भविष्य में भारत-नेपाल सैन्य संबंधों के लिए अहम साबित होंगी.

    भारत और नेपाल के बीच सैन्य और रक्षा सहयोग पर चर्चा जारी 

    भारत और नेपाल के बीच सैन्य और रक्षा सहयोग पर गहरी चर्चा और विचार-विमर्श पहले ही जारी हैं. नेपाल-भारत द्विपक्षीय सुरक्षा मुद्दों पर परामर्श समूह (NIBCGSI) के माध्यम से दोनों देशों ने रक्षा सहयोग के 15 से ज्यादा महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की हैं. जनरल द्विवेदी के दौरे के दौरान इन चर्चाओं को और बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा. इसमें आपदा प्रतिक्रिया तंत्र और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जो दोनों देशों के लिए सामूहिक सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी हैं.

    पूर्व सैनिकों का योगदान और साझा सैन्य धरोहर

    भारत और नेपाल के बीच सैन्य संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू भारत के पूर्व सैनिकों का नेपाल में योगदान भी है. नेपाल में भारतीय सेना के लगभग 88,000 से ज्यादा पूर्व सैनिक रहते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और ग्रामीण विकास.  ये समुदाय और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और सैन्य संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है. जनरल द्विवेदी का ये दौरा इन सैनिकों की अहमियत को भी प्रदर्शित करेगा और दोनों देशों के बीच साझी सैन्य धरोहर को और मजबूत करेगा.

    साझा इतिहास का सम्मान

    बताया जा रहा है कि जनरल द्विवेदी नेपाल में श्री मुक्तिनाथ मंदिर का भी दौरा कर सकते हैं जो भारत-नेपाल संबंधों का प्रतीक है. इस मंदिर में फरवरी 2023 में ‘बिपिन बेल’ घंटी लगाई गई थी जो भारत के पहले रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत की याद में लगाई गई थी. ये घंटी जनरल रावत के सपने का प्रतीक है जिन्होंने इस मंदिर के दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की थी. जनरल द्विवेदी का यह दौरा इस साझा इतिहास को सम्मानित करने और भारत-नेपाल के रिश्तों को एक नई दिशा देने का अवसर होगा.

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